
बुद्धि और मार्गदर्शन
यह प्रार्थना परमेश्वर से स्पष्टता, विवेक और दिशा की मांग करती है, तथा ऐसे चुनाव करने के लिए उसकी बुद्धि की मांग करती है जो उसका सम्मान करें और उसकी इच्छा के अनुरूप हों।
हे स्वर्गीय पिता, मैं आज आपके पास नम्र हृदय से आता हूँ, यह जानते हुए कि मैं इस जीवन में अकेले नहीं चल सकता। मेरे सामने इतने सारे विकल्प हैं, मेरे जीवन में इतनी सारी आवाज़ें आ रही हैं, फिर भी मैं केवल आपकी आवाज़ सुनना चाहता हूँ। आपका वचन मुझे बताता है कि अगर मुझमें बुद्धि की कमी है, तो मैं माँग सकता हूँ, और आप उदारता से देंगे।
इसलिए प्रभु, मैं अब आपसे प्रार्थना करता हूँ, मुझे अपनी उस बुद्धि से भर दीजिए जो ऊपर से आती है, वह बुद्धि जो शुद्ध, शांतिमय और दया से परिपूर्ण है। मुझे सही-गलत, सच-झूठ, और उजाले-अंधकार में अंतर करना सिखाइए। जब भ ी मुझे कोई बड़ा या छोटा फैसला लेना पड़े, मुझे याद दिलाइए कि मैं अपनी समझ पर निर्भर न रहूँ, बल्कि पूरे दिल से आप पर भरोसा रखूँ।
मेरे कदमों का मार्गदर्शन करें ताकि वे आपकी इच्छा के अनुरूप हों और मुझे उन रास्तों से दूर रखें जो मुझे नुकसान पहुँचाएँ या मुझे आपसे दूर ले जाएँ। प्रभु, मैं न तो आपसे आगे बढ़ना चाहता हूँ और न ही पीछे रहना चाहता हूँ; मैं आपकी आत्मा के साथ कदम मिलाकर चलना चाहता हूँ। मुझे उन अवसरों को पहचानने में मदद करें जो आप मेरे सामने रखते हैं, और मुझे तब भी आज्ञा मानने का साहस दें जब मैं पूरी तस्वीर नहीं देख पा रहा हूँ।
मुझे ऐसे लोगों से घेरिए जो मेरे विश्वास को प्रोत्साहित करें और मेरे जीवन में ईश् वरीय सलाह दें। मेरा हर चुनाव आपके प्रेम को प्रतिबिम्बित करे, आपके नाम का सम्मान करे, और मेरे आस-पास के लोगों को आशीर्वाद प्रदान करे।
हे प्रभु, मैं अपनी योजनाएँ आपके हाथों में सौंपता हूँ और मुझे भरोसा है कि आप मेरा मार्ग सीधा कर देंगे।
यीशु के नाम में, आमीन।